आज हम आप को Safar ki Dua बताएंगे जिसको पढ़ कर आपको अपना सफर शुरू करना चाहिए।
क्या आप जानते हैं कि इस्लाम में यात्रा भी एक इबादत है, इस्लाम ने जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन दिया है, जिसमें यात्रा भी एक है।
हम आपको उस प्रक्रिया के बारे में भी सूचित करेंगे जिसका यात्रा के दौरान और यात्रा की तैयारी के दौरान शरीयत के अनुसार पालन किया जाना चाहिए।
वैसे तो कई दुआएं हैं जो हम यात्रा के दौरान पढ़ सकते हैं, यहां हमने वह विशेष दुआ कही है जिसे हम यात्रा के दौरान पढ़ते हैं।
Safar Ki Dua

safar ki dua in hindi
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन.
Safar Ki Dua in Hindi Meaning
वो पाक है जिसने इसको हमारे काबू में कर दिया और हम में ताकत न थी कि इसको काबू में कर लेते और हमको अपने रब की तरफ़ ही लौट कर जाना है.
Safar ki Dua in Urdu
سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ-
Safar ki Dua in English
Subhanallazi sakhkhara lana haaza wama kunna, lahoo muqrineen, wa inna ila Rabbina Lamunqalibun
Safar ki dua for car
अगर आप कार से सफर कर रहे है तो आप निचे दी गयी दुआ पढ़ सकते है
Subha Nal Lazi Sakhkharlana Haaza Wamaa Kunna Lahu Muqrineen Wa Inna Ilaa Rabbina Lamun Qaliboon
सफर की दुआ पढ़ने के बाद तीन बार अल्हम्दु लिल्लाह और तीन बार अल्लाह हु अकबर कहें उसके बाद यह दुआ पढ़ें कैसा भी सफर हो चाहे आप बाइक बस रेल हवाई जहाज़ या पानी के जहाज़ में! हमेशा Safar ki dua पढ़कर ही सफर शुरू करना चाहिए !
लिहाज़ा आप जब भी घर से बाहर निकले तो घर से बाहर जाते वक़्त की दुआ पढ़कर निकला करे और जब भी कही बाहर का सफर करे तो Safar ki dua भी जरूर पढ़ लिया करे।
सफ़र का इरादा करे, तो यह दुआ पढ़ें
اللَّهُمَّ بَكَ أَصُولُ وَبِكَ أَجُولُ وَبِكَ أَسِيرُ
अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरु०
तर्जुमा – अल्लाह मैं तेरी मदद से ही हमला करता हूं, तेरी ही मदद से उनको दूर करने की तद्-बीर करता हूं तथा तेरी ही मदद से चलता हूं।
इस्लाम में कितनी दुरी को सफर माना जाता है
इस्लाम में किसे सफर माना जाए आज भी लोगों की अलग अलग राय है. बहुत से लोगों का यह कहना है कि, अगर मेरा सफर 90 किलोमीटर से ज्यादा हैं तो उसे सफर मान लिया जाए।
चाहे उस सफ़र को पूरा करने के लिए हवाई जहाज या ट्रेन या बस का प्रयोग किया हो कुछ लोगों का यह कहना है कि अगर सफर में 2 दिन का समय लगे तो उसे सफर माना जाएगा।
सफर को लेकर इस्लाम से जुड़े लोगों की अलग अलग राय है. अल्लाह तल्लाह आपकी नियत को देखता है आप safar ki dua पढ़ कर ही अपना सफर शुरू करे।
और कोशिश हो की घर से वुजू करके निकले वजू भी एक मुस्तकिल इबादत है, क्या पता दुनिया में किया कौन सा काम अल्लाह तल्लाह को पसंद आ जाये और हमारी बक्शीश का बाइस बन जाए। इस्लाम में अच्छी बाते फैलाना भी सदका- ए – जरिया है।
Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua – घर में दाखिल होने की दुआ
हुजूर मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत में पैदा होना हमारे लिए बहुत ही बड़ी खुशनसीबी की बात है हमें चाहिए की हुजूर सल्ललाहो अलैहि व सल्लम के बताये हुए रास्ते पर चलते हुए अपनी जिंदगी गुजारे। इसके साथ ही हमे अपने बच्चो को भी दिनी बाते सिखानी चाहिए |
हम जब भी घर से निकलना चाहिए अपनों से बड़ो को सलाम कर के निकलना चाहिए और घर से निकलते वक़्त की दुआ पढ़कर घर के बाहर कदम रखना चाहिए और जब घर में दाखिल हो
घर में दाखिल होने के लिए ये दुआ पढ़े

दुआ – अल्लाहुम्म इन्नी अस – अ – लु – क खैरल मौलिजि व मुख्रजे बिस्मिल्लाहे – व लज्ना व अलल्लाहि रब्बना तवक्क लना
तर्जुमा – ऐ अल्लाह मैं तुझसे सवाल करता हूँ अच्छे दाखिल होने और बेहतर निकलने का अल्लाह के नाम से दाखिल हुए और हमने अल्लाह पर भरोसा किया।
Ghar Se Nikalne Ki Dua – घर से निकलने की दुआ
जब घर में दाखिल हो तो दुआ पढ़कर घर में कदम रखना चाहिए और घर में दाखिल होते ही घर में छोटा बड़ा कोई भी दिखे उसे सलाम करना चाहिए।
ये दुआ पढ़े घर से बाहर निकलते वक़्त

दुआ – बिस्मिल्लाहि तवक्कलतु अलल लाहि ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह
तर्जुमा – अल्लाह के नाम से घर से निकलता हूँ अल्लाह ही पर मैंने भरोसा किया, गुनाहों से बचने की ताक़त नेक काम कने की तौफीक़ अल्लाह ही देते हैं।